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26 Jun 2016 10:16 AM

सोने सी आभा लिए, रचे मनोहर छंद |
सूझबूझ साहस यही, जीवन का आनंद ||
जीवन का आनंद, नहीं बस ऊँची बातें,
लघुतर दिन का काम, करें कब लम्बी रातें,
माला में यह बात, गूँथने सी पो ने सी,
खूब रचे कवि छंद, लिए आभा सोने सी ||…….सादर.

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