Rajni Gupta
Author
18 Sep 2020 05:28 PM
Wah wah,,, Dhanyavaad
अतिसुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति।
ज़िंदगी हम तेरे साथ चले थे ,
तेरी खातिर हम अपनों से लड़े थे ,
दौड़ते रहे हम वक्त के साथ,
ख्वाहिशों और अरमानों को लिए ,
गमों को जज्ब़ किए अश्क भी हमने पिए ,
इस दौड़ की इंतिहा में हमने देखा,
तू मुझ से आगे निकल गई हम जहां थे वहीं खड़े रह गए,
तब जाकर हमने समझा कि तुझ पर हमारा इख़्तियार कब था।
धन्यवाद !