धन्यवाद शेख जाफर जी,आपको मेरी रचना पंसद आई, और शायद उसमें व्यक्त भाव को ज्यादा पसंद किया हो! मुझे जो उचित प्रतीत होता है मैं प्रयास करता हूं,उस पर अपनी राय व्यक्त करुं, किसी को पसंद आती है, प्रशंसा मिलती है, किसी को नागवार गुजरी तो उसकी लानत मलामत भी झेलनी पड़ती है, और यह स्वीकार करके चलना पड़ता है कि हम अपने विचार किसी पर थोप नहीं सकते, सिर्फ व्यक्त कर सकते हैं! बाकी पढ़ने वाले पर निर्भर करता है!सस्नेह अभिवादन।
धन्यवाद शेख जाफर जी,आपको मेरी रचना पंसद आई, और शायद उसमें व्यक्त भाव को ज्यादा पसंद किया हो! मुझे जो उचित प्रतीत होता है मैं प्रयास करता हूं,उस पर अपनी राय व्यक्त करुं, किसी को पसंद आती है, प्रशंसा मिलती है, किसी को नागवार गुजरी तो उसकी लानत मलामत भी झेलनी पड़ती है, और यह स्वीकार करके चलना पड़ता है कि हम अपने विचार किसी पर थोप नहीं सकते, सिर्फ व्यक्त कर सकते हैं! बाकी पढ़ने वाले पर निर्भर करता है!सस्नेह अभिवादन।