आपका कहना किसी हद तक तो ठीक है, कहने का तरीका बहुत उपयोगी नहीं रहा है, कम-से-कम चौकीदार चोर है के बारे में तो स्वंय ही बहुत असहमत रहा हूं, और अपने आसपास के उन लोगों को आगाह भी करता रहा हूं कि यह प्रलाप इन्हें ही बैक फायर करेगा! लेकिन मुद्दे जो उठाए गए थे, अब सचाई के निकट प्रतीत हो रहे हैं, फिर भी मैं आपकी समालोचना की बररबरी करने में सक्षम नहीं हूं, तथा आपकी टिप्पणी से प्ररेणा प्राप्त करता हूं, हां जहां यह लगता है कि,मेरा पक्ष सही है तब अपनी बात रखने का प्रयास करता हूं! आशा है आप इसे सहज भाव से स्वीकारेंगे, किसी सामान्य नागरिक की भांति धमकाने की चेतावनी यों से तो कितने ही बार रुबरु होता रहा हूं, उनके प्रति भी मैं कोई अनुचित टिप्पणी करने की चेष्टा नहीं करता, सिवाय इसके कि अपनी राय को मजबूती से दोहरा भर देता हूं! सादर प्रणाम,श्याम सुंदर जी।
आपका कहना किसी हद तक तो ठीक है, कहने का तरीका बहुत उपयोगी नहीं रहा है, कम-से-कम चौकीदार चोर है के बारे में तो स्वंय ही बहुत असहमत रहा हूं, और अपने आसपास के उन लोगों को आगाह भी करता रहा हूं कि यह प्रलाप इन्हें ही बैक फायर करेगा! लेकिन मुद्दे जो उठाए गए थे, अब सचाई के निकट प्रतीत हो रहे हैं, फिर भी मैं आपकी समालोचना की बररबरी करने में सक्षम नहीं हूं, तथा आपकी टिप्पणी से प्ररेणा प्राप्त करता हूं, हां जहां यह लगता है कि,मेरा पक्ष सही है तब अपनी बात रखने का प्रयास करता हूं! आशा है आप इसे सहज भाव से स्वीकारेंगे, किसी सामान्य नागरिक की भांति धमकाने की चेतावनी यों से तो कितने ही बार रुबरु होता रहा हूं, उनके प्रति भी मैं कोई अनुचित टिप्पणी करने की चेष्टा नहीं करता, सिवाय इसके कि अपनी राय को मजबूती से दोहरा भर देता हूं! सादर प्रणाम,श्याम सुंदर जी।