श्री गणेश जी के जन्म के विषय में आपने जो प्रश्न किया है। उसका उत्तर यह है कि यह समस्त वर्णन किवदंतियों पर आधारित है । विभिन्न काल खंडों में इसे भिन्न-भिन्न प्रकार से वर्णित किया गया है। जिसका वर्तमान में कोई तर्कपूर्ण विवेचना नहीं की जा सकती है। रामायण भी विभिन्न प्रकार से वर्णित की गई है जो श्री गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस से भिन्न है। अतः वर्तमान में उन समस्त ग्रंथों की विवेचना कर उन्हें गलत या सही नहीं ठहराया जा सकता है।
वर्तमान मैं उन समस्त घटनाओं की प्रामाणिकता हेतु ठोस प्रमाण जुटाए नहीं जा सकते है।
अतः तर्क एवं कुतर्क करके किसी भी घटना को सही या गलत सिद्ध करने का प्रयास केवल निरर्थक समय नष्ट करने वाला है, और अनावश्यक विवाद पैदा करने वाला है।
श्री गणेश जी के जन्म के विषय में आपने जो प्रश्न किया है। उसका उत्तर यह है कि यह समस्त वर्णन किवदंतियों पर आधारित है । विभिन्न काल खंडों में इसे भिन्न-भिन्न प्रकार से वर्णित किया गया है। जिसका वर्तमान में कोई तर्कपूर्ण विवेचना नहीं की जा सकती है। रामायण भी विभिन्न प्रकार से वर्णित की गई है जो श्री गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस से भिन्न है। अतः वर्तमान में उन समस्त ग्रंथों की विवेचना कर उन्हें गलत या सही नहीं ठहराया जा सकता है।
वर्तमान मैं उन समस्त घटनाओं की प्रामाणिकता हेतु ठोस प्रमाण जुटाए नहीं जा सकते है।
अतः तर्क एवं कुतर्क करके किसी भी घटना को सही या गलत सिद्ध करने का प्रयास केवल निरर्थक समय नष्ट करने वाला है, और अनावश्यक विवाद पैदा करने वाला है।
धन्यवाद !