विनय कुशवाहा 'विश्वासी'
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23 Aug 2020 10:01 AM
धन्यवाद एवं आभार
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दूर रहकर न करो बात करीब आ जाओ।
याद रह जाएगी ये मुलाकात करीब आ जाओ।
इस कदर हमसे झिझकनेकी ज़रूरत क्या है।
ज़िंदगी भर का है अब साथ करीब आ जाओ।
श़ुक्रिया !