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आप की कथा में प्रस्तुत घड़ी ना होने पर भी समय का आकलन कर लेने की क्षमता मनुष्य में प्राकृतिक रूप से होती है जिसे हम शारीरिक घड़ी body clock कहते हैं। यदि शरीर के क्रियाकलापों का सामंजस्य समयानुसार हो तो मनुष्य को समय का सही पता बिना घड़ी देखे हुए भी लग जाता है। प्राचीन समय से यह विधा मनुष्य में रही है जिससे वह हर पल एवं समय का आकलन यहां तक कि मौसम का पूर्वानुमान एवं प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान लगा सकता था। वर्तमान में भी ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे बुजुर्ग मौजूद हैं जो हवा की दशा एवं दिशा देखकर तूफान आने की भविष्यवाणी कर सकते हैं। प्रकृति में कुछ ऐसे संकेत भी मौजूद है जो आने वाली संकट की भविष्यवाणी कर देते हैं। खासकर यह देखा गया है कि पशुओं में संकट आने से पहले उनके व्यवहार में एक विचित्र परिवर्तन देखा गया है जिसे उनकी छठी इंद्री Sixth Sense कहा गया है जिससे वे पूर्वाभास कर लेते हैं। यह मैंने भी अनुभव किया है।
आपने सुंदर रूप से इसे अपनी कथा में प्रस्तुत किया है।

धन्यवाद !

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21 Aug 2020 08:48 PM

आपका बहुत आभार

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