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मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि आपके पुरुष शरीर में स्त्री आत्मा का वास है। जो आपको स्त्री भावों को प्रकट करने के लिए प्रेरित करता है जो मुझ जैसे पाठकों को विसंगत प्रतीक होता है।
यह मेरे स्वतंत्र विचार हैं जो किसी भी पूर्वाग्रह या निंदा की दुर्भावना से प्रेरित नहीं है।
यदि मैंने आपकी भावना को आहत किया हो तो उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं।

धन्यवाद !

धन्यवाद !

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