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हस्ती तेरी हबाब़ की सी है।
ये नुमाइश स़राब़ की सी है ।
चश्म -ए – दिल खोल इस आलम पर।
याँ की औक़ात ख्व़ाब सी है।

श़ुक्रिया !

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