Amber Srivastava
Author
29 Jul 2020 10:13 PM
श़ुक्रिया
श़ुक्रिया
बीती यादों की गमे दास्तां को दफ़न करके ,
चलो मस़र्रत भरी नई ज़िंदगी का आग़ाज़ करते हैं।
कल के ग़मों को भुलाकर , नई खुशियों के आसमाँँ में परवाज़ करते हैं।
श़ुक्रिया !