Umesh Kumar Sharma
Author
29 Jul 2020 02:17 PM
आपका विश्लेषण एक दम सटीक है, हम शादी को पश्चिमी सोच के अनुसार एक व्यक्तिगत मामला समझ बैठे है
दरअसल शादी दो परिवारों का बंधन होता है यह हमारे बड़े बूढ़े भली-भांति जानते थे। विवाह में दो परिवारों का सामंजस्य होना चाहिए जिससे विवाह का बंधन सतत् एवं सुदृढ़ रह सके। परंतु आजकल के युग में विवाह की व्यक्तिगत परिभाषा बन गई है ।जिसमें पारिवारिक विचारों का सामंजस्य ना होने से संबंध विच्छेद की संभावनाएं अधिक हो गई हैं।
आपने अपनी कथा के माध्यम से इस तथ्य को सुंदर रूप से प्रस्तुत किया है।
धन्यवाद !