क्या लिखूं कुछ समझ नहीं आता। हक़ीक़त लिखूं तो अल्फ़ाज़ रुठ जाते हैंं।
श़ुक्रिया !
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क्या लिखूं कुछ समझ नहीं आता।
हक़ीक़त लिखूं तो अल्फ़ाज़ रुठ जाते हैंं।
श़ुक्रिया !