Umesh Kumar Sharma
Author
20 Jul 2020 10:43 AM
आपके शब्दों का बहुत आभारी हूँ
जीवन में कुछ क्षण से आते हैं जब हम जाने अनजाने किसी गलत कार्य के लिए भागी बन जाते हैं। और हम एक अपराध बोध से ग्रस्त हो जाते हैं और अपने आप को कुतर्कों के माध्यम से उस स्थिति से छुटकारा पाने का प्रयत्न करते हैं। यह आपने बहुत ही सुंदर एवं सरल तरीके से अपनी कथा में प्रस्तुत किया है।
धन्यवाद !