था उनमें मुझ में जुनूँँ। तो उनमें मुझ में यह फर्क क्यूँ। मैं गिरफ्त़े गम़ से न बच सका, वो हुदूदे गम़ से निकल गए।
श़ुक्रिया !
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वाह ? आपका शुक्रिया सर ?
था उनमें मुझ में जुनूँँ।
तो उनमें मुझ में यह फर्क क्यूँ।
मैं गिरफ्त़े गम़ से न बच सका,
वो हुदूदे गम़ से निकल गए।
श़ुक्रिया !