Mamta Singh Devaa
Author
16 Jul 2020 12:02 PM
दिल से आभार ?
जब जब परंपराओं और रूढ़िवादी विचारों को संस्कार के नाम से थोपा जाएगा तो यही स्थिति निर्माण होगी।
व्यंगपूर्ण प्रस्तुति का धन्यवाद !