Umesh Kumar Sharma
Author
16 Jul 2020 06:18 PM
सदर आभार आपका
लब खामोश रहे मगर आंखों आंखों में बात हो गई।
कुछ गिले-शिकवे आंखों ने किए , कुछ रजामंदी मुस्कुराहटों से हो गई।
श़ुक्रिया !