Bimal Rajak
Author
15 Jul 2020 01:50 PM
आपका हार्दिक आभार।।
।।प्रणाम।।
सुंदर प्रस्तुति !
आपकी कविता को मैंने कुछ इस तरह से प्रस्तुत किया है । कृपया स्वीकार हो :
समय बहुत बलवान है समय बहुत अमोल।
मन का आपा खोय के बोल ना कड़वे बोल।
जो सबको शीतल करें वो मीठी वाणी बोल।
चढ़ सीढ़ी आप ना दूजा छोटा होय।
इक दिन सब का आवे है यू्ँ मद में तू ना खोय।
मन मंदिर में राखिये प्रेम छवि बसाय।
क्षणभंगुर काया ये जाने कब साया बन जाय।
धन्यवाद !
धन्यवाद !