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सब में शामिल हो मगर सबसे जुदा लगती हो
तुम तो इस ज़मींं की नहीं आसमाँ से उतरी परी लगती हो।
तेरे हुस्न की क्या तारीफ करूं किसी मुसव्व़िर का ख़्वाब शायर की दुआ लगती हो।

श़ुक्रिया !

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