Shyam Sundar Subramanian
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14 Jul 2020 06:05 PM
आपने आलेख को जरा ध्यान से नहीं देखा है ।मेरा यह आलेख श्री राजवीर शर्मा के प्रस्तुत लेख आत्महत्या का कारण अंग्रेजी के प्रत्युत्तर में है। कमेंट में स्थानाभाव के कारण मुझे यह पोस्ट के रूप में प्रस्तुत करना पड़ा। केवल अंग्रेजी ही नहीं अन्य विषयों पर भी शिक्षण व्यवस्था के लिए मेरे विचार लागू होते हैं। दरअसल वस्तुस्थिति को प्रकट करना है मेरा उद्देश्य है। किसी भाषा विशेष की पैरवी करना नहीं कृपया यह स्पष्ट हो। आशा है मेरा कथन आप की शंकाओं का समाधान करने के लिए पर्याप्त सिद्ध होगा।
14 Jul 2020 08:10 PM
जी ? हां
आपका शीर्षक आत्महत्या का कारण अंग्रेज़ी है| आत्महत्या महज इक भाषा की पढाई न कर पाना नहीं हो सकता है हमारा तंत्र और समाज दोनों ही किसी भाषा के लिये प्रयासरत है, तो वो अंग्रेज़ी है, बहुत बच्चे गणित नहीं समझ पाते और इस विषय के शिक्षक भी नहीं सही से मिल पाते किन्तु इस वजह से वे जीवन को हीनता की नजर से देखते, क्यों अंग्रेज़ी ही हमे खराब शिक्षा व्यवस्था दिखाती है, बहुआयामी सोच के लिये शिक्षा क्यों नहीं है | इक भाषा मुझे कम तर नहीं कर सकती
आपका लेख बहुत अच्छा है पर यह बात भी ध्यान देनी पड़गी
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