Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

रफ्ता रफ्ता वो मेरी हस्ती का सामान हो गए।
आप से फिर तुम हुए फिर तू का उनवान हो गए।
जो कभी पैरोकार हुआ करते थे अब हाकिम बन गए।

श़ुक्रिया !

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
14 Jul 2020 10:54 AM

???

Loading...