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ज़िंदगी को हम ख्व़ाब समझ बैठे थे।
जब हक़ीक़त से दो चार हुए।
तब इल्म़ हुआ हम गलत समझ बैठे थे।

श़ुक्रिया !

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24 Jul 2020 11:08 PM

waah

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