आदरणीय माँ के बारे में आपने समसामयिक, सत्य भाव प्रस्तुत किए। ऐसा ही होता है। और बाद में पुत्र माँ माँ कहता व्यथित होता है। हमारे मन में होता है कि माँ तो मेरी है कहीं नहीं जाएगी ।
मेरी कविता भी पढ़ कर अच्छी लगे तो मत भी दें
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आदरणीय
माँ के बारे में आपने समसामयिक, सत्य भाव प्रस्तुत किए।
ऐसा ही होता है।
और बाद में पुत्र माँ माँ कहता व्यथित होता है।
हमारे मन में होता है कि माँ तो मेरी है कहीं नहीं जाएगी ।
मेरी कविता भी पढ़ कर अच्छी लगे तो मत भी दें