kamni Gupta
Author
12 Jul 2020 11:58 AM
सुंदर पंक्तिया।
धन्यवाद जी
ए सनम तुझसे मैं जब दूर चला जाऊंगा।
याद रखना कि तुझे याद बहुत आऊंगा।
ये मिलन ये हंसी रात ना जाने कब हो।
आज के बाद मुलाकात ना जाने कब हो।
अब तेरे शहर मुसाफिर की तरह आऊंगा।
ए सनम तुझसे मैं जब दूर चला जाऊंगा।
श़ुक्रिया !