जब भी तुमको मुजस्सिम पाता हूं। न जाने क्यों बेचैन हो जाता हूं।
श़ुक्रिया !
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जब भी तुमको मुजस्सिम पाता हूं।
न जाने क्यों बेचैन हो जाता हूं।
श़ुक्रिया !