Seema katoch
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5 Jul 2020 09:28 PM
आपकी प्रतक्रिया का इंतज़ार रहता है,,, बहुत बहुत धन्यवाद
कितने खुशनसीब होते है लोग
जिनके इतने अच्छे दोस्त होते है।
नाराज़गिया,बैचेनिया,गलतफहमिया
भुलाने की इल्तजा करते हैं।।
सुन्दर, आत्मीय भावुक अभिव्यक्ति जो परम मित्र के लिए है पर जीवन दर्शन भी।आज गुरु पूर्णिमा के दिन एक मन्त्र मिला है, निश्चल एवम आनन्दित जीवन के लिए।
सादर आभार।
साथ ले जाये केवल खुशनुमा पल,
खुशियाँ जो बाँटी है सँग हिलमिल।
कौन सोचता है किसी के लिये,
जाने वाले की सब टाँग खीचते है।।