सच स्वीकार करना इतना आसान नहीं है, लेकिन इंसान चाहता यही है कि कोई उससे असत्य बयानु ना करें, किन्तु यदि वह सच उसके अनुकूल नहीं है तो उसे उसको स्वीकार करने में कठिनाई होती है, और यही सच है।
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जी
सच स्वीकार करना इतना आसान नहीं है, लेकिन इंसान चाहता यही है कि कोई उससे असत्य बयानु ना करें, किन्तु यदि वह सच उसके अनुकूल नहीं है तो उसे उसको स्वीकार करने में कठिनाई होती है, और यही सच है।