जो कल की चिंता में ईश्वर से गिले – शिकवे गा कर उसकी मुरत को पत्थर में दर्शा रहें हैं , जिसने सच में है ईश्वर को महसूस किया है वो कर्मकांडो से परे कर्मो में ही खुद को समर्पित किए जा रहे हैं ।
You must be logged in to post comments.
जो कल की चिंता में ईश्वर से गिले – शिकवे गा कर उसकी मुरत को पत्थर में दर्शा रहें हैं ,
जिसने सच में है ईश्वर को महसूस किया है वो कर्मकांडो से परे कर्मो में ही खुद को समर्पित किए जा रहे हैं ।