Mamta Singh Devaa
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27 Jun 2020 06:30 PM
बहुत आभार ?
अतीत में कृष्ण के ना होने की कल्पना अधर्म का प्रादुर्भाव एवं धर्म का नाश है। कलयुग में राक्षसी प्रवृत्तियों के प्रादुर्भाव से उस प्रकार की स्थिति उत्पन्न हो रही है। मानव जीवन के तारण करने के भगवान को फिर अवतार लेने की आवश्यकता प्रतीत हो रही है। अन्यथा पापों के बोझ से यह पृथ्वी रसातल की ओर अग्रसर हो रही है।
धन्यवाद !