Mamta Singh Devaa
Author
27 Jun 2020 06:34 PM
बहुत आभार ?
बात सही है स्त्री और प्रकृति जितना अपना सबकुछ औरौ के सुख के लिए अर्पित करती है उतना ही संसार उसके साथ दानवीय रूप प्रदान करते हैं ।
धन्यवाद!