निःसंदेह,चीन हमें घेरने के लिए नेपाल और पाकिस्तान को मोहरा बना है, लेकिन इतने वर्षों में हमने कोई ऐसा मित्र नहीं बनाया जो सीधा तान के कह सके, भारत की घेराबंदी का वह विरोध करता है, एक जमाना वह भी था,जब रुस ने अमेरिका तक को पाकिस्तान के पक्षक् में खड़े होने से रोक दिया था,आज वही रुस मूकदर्शक बना हुआ है, तो साफ है कि कहीं हम मित्र की पहचान करने में चूक गए हैं। आपकी टिप्पणी यथार्थ परक है, धन्यवाद जी।
निःसंदेह,चीन हमें घेरने के लिए नेपाल और पाकिस्तान को मोहरा बना है, लेकिन इतने वर्षों में हमने कोई ऐसा मित्र नहीं बनाया जो सीधा तान के कह सके, भारत की घेराबंदी का वह विरोध करता है, एक जमाना वह भी था,जब रुस ने अमेरिका तक को पाकिस्तान के पक्षक् में खड़े होने से रोक दिया था,आज वही रुस मूकदर्शक बना हुआ है, तो साफ है कि कहीं हम मित्र की पहचान करने में चूक गए हैं। आपकी टिप्पणी यथार्थ परक है, धन्यवाद जी।