ये रुके रुके से आँसू ये दबी दबी सी आहें । यूँही कब तलक ख़ुदाया ग़म-ए-ज़िंदगी निबाहें ।
श़ुक्रिया !
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waah!
ये रुके रुके से आँसू ये दबी दबी सी आहें ।
यूँही कब तलक ख़ुदाया ग़म-ए-ज़िंदगी निबाहें ।
श़ुक्रिया !