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इश्क़ में जो फ़ना हो वो ज़िंदगी का स़िला चाहे क्यूं ?
जो हक़ीक़त ए मुंतज़िर हो वह ख्वाबों को पाले क्यूं ?

श़ुक्रिया !

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9 Jun 2020 11:18 AM

वाह भाई साहब वाह।
Thanks

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