Sanjay Narayan
Author
9 Jun 2020 11:18 AM
वाह भाई साहब वाह।
Thanks
इश्क़ में जो फ़ना हो वो ज़िंदगी का स़िला चाहे क्यूं ?
जो हक़ीक़त ए मुंतज़िर हो वह ख्वाबों को पाले क्यूं ?
श़ुक्रिया !