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कई गिले-शिक़वे और सवाल जज्ब़ किए उनके इंतज़ार में रहता हूं।
होंठ सिल जाते हैं, लफ़्ज़े इज़हार गुम़ हो जाते हैं जब मैं उन्हें मुजस्स़िम पाता हूं।

श़ुक्रिया !

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6 Jun 2020 02:14 PM

Thankyou जी

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