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आपके ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली पर विस्तृत सारगर्भित लेख का स्वागत है। मेरे विचार से प्रत्यक्ष उपस्थित अध्यापन प्रक्रिया का कोई विकल्प नहीं है।
अप्रत्यक्ष अध्यापन प्रक्रिया केवल एक अध्यापन की खानापूरी बनकर रह जाएगी इसमें कोई संदेह नहीं नहीं है। किसी भी अध्यापन में विद्यार्थियों की एकाग्रता आवश्यक है। तथा विद्यार्थियों में विषय को समझने में अध्यापक से चर्चा एवं समाधान प्रत्यक्ष रूप से ही संभव है। इसके अलावा विद्यार्थियों में आपकी चर्चा एवं विचारों का आदान-प्रदान भी विषय को समझने के लिए आवश्यक होता है। जो अप्रत्यक्ष रूप में उतना प्रभावी हो यह संभव नहीं है ।

साधुवाद !

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