Gautam Jain
Author
2 Jul 2020 12:19 PM
बहुत खूब
Gautam Jain
Author
2 Jul 2020 12:20 PM
बेहद शुक्रिया
जबसे उसने शहर को छोड़ा हर रस्ता सुनसान हुआ
अपना क्या है सारे शहर का एक जैसा नुकसान हुआ
सहरा की मुंहज़ोर हवाएं औरों से मंस़ूब हुईं।
मुफ्त में हम आवारा ठहरे मुफ्त में घर वीरान हुआ।
श़ुक्रिया !