डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
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26 May 2020 07:44 AM
जी, आपकी बहुमूल्य टिप्पणी के लिए साधुवाद। आशा है मार्गदर्शन मिलता रहेगा।
समर्पित भाव को ही श्रृद्धा कहते हैं। श्रृद्धा की अवस्थाएं समर्पण भाव की तीव्रता पर निर्भर करती है। पूर्ण समर्पण भाव श्रृद्धा की पराकाष्ठा है जो मनुष्य की आत्मा का सीधा संपर्क परमपिता परमेश्वर से स्थापित करती है।
धन्यवाद !