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यह एक अकाट्य सत्य है कि क्रांतिकारी विचारधारा वाले ही अविष्कारों के जनक थे। जिन्हें समाज ने नाकारा घोषित किया था। यही क्रांतिकारी सोच मानवीय संवेदना की काव्यात्मक प्रस्तुति कविता बन उभरकर उजागर हुई।
अति सुंदर प्रस्तुति का साधुवाद !

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