विनय कुशवाहा 'विश्वासी'
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23 May 2020 01:04 PM
बहुत खूब महोदय??
धन्यवाद??
तुम्हें देखा तुम्हें चाहा तुम्हें पूजा है मैंने।
बस इतनी ख़ता है मेरी और ख़ता क्या?
श़ुक्रिया !