Jayanti Prasad Sharma
Author
20 May 2020 10:36 PM
वाह!!
धन्यवाद।
उनकी आंखों की मय़कशी में इस क़दर डूबा खुद से परेजां हो गया।
ज़माने की निग़ाहों मैं कम़बख्त़ इश्क़ में बर्बाद हो गया।
शुक्रिया !