श्रमिकों का गांवों की ओर पलायन एक गंभीर समस्या का रूप ले रही है। शहरों के विकास मे श्रमिकों की एक अहम भूमिका है जिसके बिना शहरों में निर्माण कार्य संभव ही नहीं है। विभिन्न संसाधनों जैसे भवन सड़क पुल एवं औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण एवं विकास बिना श्रमिकों के योगदान के संभव नहीं है। श्रमिक इन सब विकास कार्यों के आधारभूत स्तंभ है जिसे नकारा नहीं जा सकता है।
इसके अतिरिक्त गांवों में श्रमिकों की बहुतायत से वहां रोजगार के अवसर न होने से एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है जिसके फलस्वरूप गांवों में श्रमिकों का शोषण होकर भूख , गरीबी, बीमारी और बेरोजगारी एक विकराल समस्या का रूप ले सकती है। जिसे हल करना शासन के लिए एक दुष्कर कार्य प्रतीत होगा।
अतः में समय रहते मजदूरों पर ओछी राजनीती करने के बजाए गंभीरता से मजदूरों के कल्याण एवं राष्ट्रहित को दृष्टिगत रखते हुए इस समस्या का समाधान ढूंढने के प्रयास करने होंगे जिसमें जनता के समस्त वर्गों की भागीदारी भी आवश्यक है , केवल शासन व्यवस्था पर निर्भर रहने से कोई भी हल नहीं निकलेगा।
श्रमिकों का गांवों की ओर पलायन एक गंभीर समस्या का रूप ले रही है। शहरों के विकास मे श्रमिकों की एक अहम भूमिका है जिसके बिना शहरों में निर्माण कार्य संभव ही नहीं है। विभिन्न संसाधनों जैसे भवन सड़क पुल एवं औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण एवं विकास बिना श्रमिकों के योगदान के संभव नहीं है। श्रमिक इन सब विकास कार्यों के आधारभूत स्तंभ है जिसे नकारा नहीं जा सकता है।
इसके अतिरिक्त गांवों में श्रमिकों की बहुतायत से वहां रोजगार के अवसर न होने से एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है जिसके फलस्वरूप गांवों में श्रमिकों का शोषण होकर भूख , गरीबी, बीमारी और बेरोजगारी एक विकराल समस्या का रूप ले सकती है। जिसे हल करना शासन के लिए एक दुष्कर कार्य प्रतीत होगा।
अतः में समय रहते मजदूरों पर ओछी राजनीती करने के बजाए गंभीरता से मजदूरों के कल्याण एवं राष्ट्रहित को दृष्टिगत रखते हुए इस समस्या का समाधान ढूंढने के प्रयास करने होंगे जिसमें जनता के समस्त वर्गों की भागीदारी भी आवश्यक है , केवल शासन व्यवस्था पर निर्भर रहने से कोई भी हल नहीं निकलेगा।
धन्यवाद !