अमन जी,हम तो नागरिक हैं,जो सरकार अच्छा करे,हम तो उसके पक्ष में ही होंगे, किसी पार्टी से अब मोहभंग हो जाता है तो दुसरी पर उम्मीद करके छले जाते हैं, मिडिया को करता दोष दें, वह वहां पर कारोबार करने को बैठे हैं,जिसकी सरकार उसकी जी हजूरी,तब ही तो बैंक बैलेंस बढ़ेगा, और कोई सवाल करता भी है,या दिखाने का प्रयास करता भी है तो सरकार के वह तंत्र जो जन सेवा के लिए हैं,वहीं उन्हें मर्यादा का पाठ पढ़ाने आ जाते हैं, तो वह भी अपनी रोजी-रोटी के लिए आंखें बन्द कर दिया करते हैं।कैसी भी दल हो, भरोसा नहीं रहा,बस काम चलाऊ की धारणा यह गयी है, और भक्तों का जुगाड, भक्तों की धमकी, भक्तों की गाली, कौन सहे।
अमन जी,हम तो नागरिक हैं,जो सरकार अच्छा करे,हम तो उसके पक्ष में ही होंगे, किसी पार्टी से अब मोहभंग हो जाता है तो दुसरी पर उम्मीद करके छले जाते हैं, मिडिया को करता दोष दें, वह वहां पर कारोबार करने को बैठे हैं,जिसकी सरकार उसकी जी हजूरी,तब ही तो बैंक बैलेंस बढ़ेगा, और कोई सवाल करता भी है,या दिखाने का प्रयास करता भी है तो सरकार के वह तंत्र जो जन सेवा के लिए हैं,वहीं उन्हें मर्यादा का पाठ पढ़ाने आ जाते हैं, तो वह भी अपनी रोजी-रोटी के लिए आंखें बन्द कर दिया करते हैं।कैसी भी दल हो, भरोसा नहीं रहा,बस काम चलाऊ की धारणा यह गयी है, और भक्तों का जुगाड, भक्तों की धमकी, भक्तों की गाली, कौन सहे।