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किसी भी व्यक्ति के लिए सम्मान की भावना उसके चारित्रिक तेज जो उसके मुख पर देदीप्यमान होता है से आती है। यह एक स्वाभाविक अनुभूति है जिसका कोई पूर्वाग्रह से संबंध नहीं है ।यह एक अकस्मात् प्रक्रिया है जिसका कोई अंतर्निहित कारण नहीं होता है।

धन्यवाद !

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