पारखी नजर ही हीरे को पहचान सकती है। सच्चा कवि ह्रदय ही काव्य की संवेदना को पहचान सकता है।
धन्यवाद !
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पारखी नजर ही हीरे को पहचान सकती है।
सच्चा कवि ह्रदय ही काव्य की संवेदना को पहचान सकता है।
धन्यवाद !