रूठे हुए अपने शायद हैं असीफ़ मान भी जाएंगे ज़रा सा मनाने से ।
बेहतर पेशकश ।
You must be logged in to post comments.
रूठे हुए अपने शायद हैं असीफ़
मान भी जाएंगे ज़रा सा मनाने से ।
बेहतर पेशकश ।