तुम चुप रहते हो तो दिल के दाग़ जलते हैं । कुछ अपनी कहो और कुछ आज मेरी सुनो। खामोशियों से तो दिल और दिमाग़ जलते हैं।
श़ुक्रिया !
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तुम चुप रहते हो तो दिल के दाग़ जलते हैं ।
कुछ अपनी कहो और कुछ आज मेरी सुनो।
खामोशियों से तो दिल और दिमाग़ जलते हैं।
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