सौरभ संतांश
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11 May 2020 01:10 PM
जी,मेरा निजी मत विकास के दो पहिये में एक कर्तव्य का तो दूसरा संवेन्दना का होना चाहिए
असंवेदनशील में भी संवेदना पैदा करना ही अपने आप में अलौकिक कार्य है। लक्ष्य अति उत्तम और उद्देश्य सार्थक है।प्रयत्न जारी रहे।असीम शुभकामनाएं आपको।जय हो आपकी