Naresh Sagar
Author
30 May 2020 08:10 AM
शुक्रिया आदरणीय
नरेश, जी, आपके द्वारा व्यक्त रचना में इतना सच है कि छुपाए नहीं छुप सकता, और मेरे अनुसार आप गागर में सागर की उक्ति के पर्याय हो, बहुत सुंदर भाव है।