सौरभ संतांश
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8 May 2020 02:45 PM
तलाश सिर्फ सुकून की होती है,
नाम रिश्ते का चाहे जो भी हो
काव्य को उसकी समरसता में पिरोना कोई आपसे सीखे श्रीमान।