सौरभ संतांश
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6 May 2020 10:03 AM
जी,चौथा खम्भा अब चौथा धंधा।
पत्रकारिता तो आज कल अनपढ़ गंवार गुंडे मवाली भी कर रहे हैं जो कुकुरमुत्तों की तरह गली गली में उगकर न्याय के चौथे स्तंभ माने जाने वाले प्रतिष्ठित मीडिया को कलंकित कर रहे हैं।