हम तो बंजारे हैं भटकते हैं मंजिल से बेखबर। हमें फिक्र है शायद तुम्हें अपने रास्ते का पता ना हो।
श़ुक्रिया !
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हम तो बंजारे हैं भटकते हैं मंजिल से बेखबर।
हमें फिक्र है शायद तुम्हें अपने रास्ते का पता ना हो।
श़ुक्रिया !